शुक्रवार, 13 अगस्त 2010

पीपली लाइव

बैनर : यूटीवी मोशन पिक्चर्स, आमिर खान
निर्माता : आमिर खान, किरण राव
निर्देशक : अनुषा रिज़वी
संगीत : इंडियन ओशन, राम संपत, नगीन तनवीर
कलाकार : ओंकार दास माणिकपुरी, रघुवीर यादव, मलाइका शिनॉय, नवाजुद्दीन सिद्दकी, शालिनी वास्ता, फारुख जफर
केवल वयस्कों के लिए * 12 रील * 1 घंटा 46 मिनट
रेटिंग : 3.5/5

पीपली लाइव उन लोगों की कहानी है जो भारत के भीतरी इलाकों में रहते हैं। ये लोग इन दिनों भारतीय सिनेमा से गायब हैं। इनकी सुध कोई भी नहीं लेता है और चुनाव के समय ही इन्हें याद किया जाता है।

तरक्की के नाम पर शाइनिंग इंडिया की तस्वीर पेश की जाती है। चमचमाते मॉल बताए जाते हैं। लेकिन भारत की लगभग दो तिहाई आबादी इन दूरदराज गाँवों में रहती है, जिन्हें एक समय का भोजन भी भरपेट नहीं मिलता है।

कहने को तो भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है, लेकिन किसानों की माली हालत बहुत खराब है। उनके लिए कई योजनाएँ बनाई जाती हैं, लेकिन उन तक पहुँचने के पहले ही योजनाएँ दम तोड़ देती हैं। बीच में नेता, बाबू, अफसर उनका हक हड़प लेते हैं। पिछले दिनों इन योजनाओं को लेकर श्याम बेनेगल ने भी ‘वेल डन अब्बा’ बनाई थी और अब अनुषा ‘पीपली लाइव’ लेकर हाजिर हुई हैं।

नत्था और उसके भाई बुधिया की जमीन बैंक हडपने वाली है क्योंकि लोन वापस करने के लिए उनके पास पैसे नहीं है। वे एक नेता के पास जाते हैं, जो कहता है कि जीते जी तो सरकार तुम्हारी मदद नहीं कर सकती, लेकिन आत्महत्या कर लो तो मुआवजे के रूप में एक लाख रुपए तुम्हें मिल सकते हैं।

बुधिया थोड़ा तेज है। वह नत्था को आत्महत्या करने के लिए राजी कर लेता है ताकि उसकी बूढ़ी माँ, पत्नी और बच्चों को सहारा मिल जाए। उनके प्लान की भनक मीडिया को लग जाती है। अचानक नत्था का घर चर्चा का केन्द्र बन जाता है। मीडिया वाले कैमरे और माइक लेकर उनके घर के इर्दगिर्द जमा हो जाते हैं और नत्था आत्महत्या करेगा या नहीं ब्रेकिंग न्यूज बन जाती है।

फिल्म की निर्देशक और लेखक अनुषा रिजवी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़ी थी, इसलिए उन्होंने उनकी जमकर खबर ली है। किस तरह ब्रेकिंग न्यूज के नाम पर सनसनी फैलाई जाती है। किस तरह न्यूज क्रिएट की जाती हैं, ये उन्होंने बेहतरीन तरीके से पेश किया है।

मीडियाकर्मी नत्था के घर के आगे डेरा डाल देते हैं। उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जाती है। वह पेट साफ करने के लिए खेत जाता है तो उसके पीछे कैमरा लेकर दौड़ लगाई जाती है और बताया जाता है कि आज नत्था इतनी बार मल त्यागने गए हैं। नत्था के मल का रंग देख उसकी मानसिक स्थिति का अंदाजा लगाया जाता है।

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